कटंगी। जनपद पंचायत कटंगी की ग्राम पंचायत सादाबोदी के सरपंच जितेन्द्र नेवारे पर गांव की ही आदिवासी महिला ने 30 हजार रुपए की राशि ठगने का कथित आरोप लगाया है। पीडि़त महिला ने पूरे मामले की लिखित शिकायत जनपद पंचायत कटंगी मुख्य कार्यपालन अधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व और तिरोड़ी थाने में दर्ज करवाई है। पूरा मामला संबल योजना की राशि से जुड़ा हुआ है। पीडि़त आदिवासी महिला भागवंती लाखन सलामे है। जिनके पति लाखन सलामे की करीब 01 साल पहले साधारण मृत्यु हो गई है। पीडि़ता ने बताया कि पति की मौत के बाद सरपंच उनके घर आए और संबल योजना का लाभ दिलवाने की बात कहीं और कहा कि उसे इस योजना के 2 लाख रुपए मिलेगें। जिसकी कागजी प्रक्रिया वह कर रहे है लेकिन बदले में पैसा मिलने पर उन्हें 1 लाख रुपए देने होंगे लेकिन महिला ने साफ इंकार कर दिया तो सरपंच ने 50 हजार रुपए देने के लिए कहा परंतु महिला ने यह राशि भी देने से मना कर दिया तो सरपंच वहां से चला गया किन्तु जब महिला के खाते में 2 लाख रुपए की राशि जमा हुई तो सरपंच ने महिला को गुमराह कर उसे बैंक ले जाकर राशि विड्रोल करवाई और 30 हजार रुपए की रकम गायब कर दी। महिला के साथ ठगी की यह पूरी घटना करीब 3 माह पहले हुई। 05 दिसंबर को महिला ने अधिकारियों से इस मामले की शिकायत की है। वहीं आज मीडिया को अपने साथ हुई ठगी की जानकारी दी।
      गौरतलब हो कि संबल योजना के नाम पर ग्रामीण अंचलों में हितग्राहियों को ठगने के लिए एक पूरा गिरोह सक्रिय है। जो संबल योजना के प्रकरणों की राशि शीघ्र दिलाने का झांसा देकर हितग्राहियों से मोटी रकम वसूल रहे है। जानकर ताज्जुब होगा कि वह केवल झांसा ही नहीं देते बल्कि कई मामलों में देखा भी गया है कि जिन प्रकरणों को पंचायत और जनपद स्तर से खारिज किया जाता है ऐसे कई प्रकरणों को यह गिरोह के सदस्य स्वीकृत करवाते है जिससे साफ पता चलता है कि संबल के इन प्रकरणों को जानबूझकर खारिज किया जाता है ताकि हितग्राहियों से मोटी रकम वसूली जा सके। बताया जाता है कि कुछ लोग है जो सीधे हितग्राहियों के घर जाते है। इन्हें हितग्राहियों की जानकारी कैसे मिलती है यह भी एक बड़ा सवाल है। सादाबोड़ी की जिस आदिवासी महिला के साथ सरपंच ने ठगी की है वह महिला निरक्षर है। शायद यहीं वजह है कि महिला के साथ सरपंच ने आसानी से ठगी कर ली।
      सादाबोड़ी पंचायत के ग्राम गर्रा-गुसाई की एक अन्य आदिवासी महिला ने भी ऐसी ही ठगी की एक शिकायत अधिकारियों से की है। गर्रा-गुसाई निवासी आदिवासी विधवा महिला सरिता धुर्वे ने बताया कि उससे भी सरपंच ने संबल योजना का लाभ मिलने पर 50 हजार रुपए लिए है। अब अधिकारियों को इस मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच करनी चाहिए ताकि आदिवासी महिलाओं की शिकायत का सही है या गलत इसका पता चल सके और अगर इन आदिवासी महिलाओं की शिकायत सहीं है तो इस तरह विधवा महिलाओं से ठगी करने वाले सरपंच के खिलाफ नियमानुसार विभागीय और कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि अन्य लोगों को इस तरह की कार्रवाई से सबक मिले और वह गांव में विधवा महिलाओं और संबल योजना के हितग्राहियों से ठगी ना करें।