कटंगी। वन विभाग द्वारा मध्यप्रदेश ईको पर्यटन विकास बोर्ड के माध्यम से स्कूली छात्र-छात्राओं को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए 'मैं हूं बाघÓ की थीम पर अनुभूति कार्यक्रम का आयोजन करवाया गया। वन परिक्षेत्र कटंगी की ओर से वन ग्राम कछार के पाढऱवानी के कक्ष क्रमांक 476 बी में ईको कैम्प लगाया गया। जहां सीएम राइज स्कूल, शासकीय उच्चतर कन्या विद्यालय की छात्र-छात्राओं को वन भ्रमण करवाया गया। वन विभाग का मानना है जन सामान्य में वन, वन्य प्राणी और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता विकसित करना बेहद जरूरी है। जागरूक समाज ही प्रकृति और जैव विविधता संरक्षण के मार्ग को प्रशस्त कर सकता है। इस संकल्प की पूर्ति के लिए स्कूली विद्यार्थी बेहद अहम रोल निभा सकते है। ईको कैम्प में विद्यार्थियों को पारिस्थितिकी तंत्र के घटकों की व्याख्या, पर्यावरण संरक्षण, जैव विविधता, पक्षी दर्शन, वन औषधी और वन प्रबंधन की जानकारी दी गई। पर्यावरण संरक्षण में वनों के महत्व को समझाने के लिए बच्चों को जंगल में ट्रेकिंग करवाई गई।
      इस दौरान विद्यार्थियों को प्रकृति और उसके परिवेश के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही भोजन की आदतों के आधार पर शाकाहारी, मांसाहारी और सर्वाहारी प्राणियों के बारे में समझाया। पर्यावरण को संरक्षण रखने में वनों के भीतर वन्य प्राणियों की भूमिका और उनके सक्षम उत्पन्न खतरों से भी अवगत करवाया। ट्रेकिंग के दौरान विद्यार्थियों ने क्या सीखा। वन्य प्राणियों और पर्यावरण संरक्षण के बारे में उनकी समझ को जानने के लिए ईको कैम्प में प्रश्नोत्तरी का आयोजन करवाया गया। जिसमें विद्यार्थियों से फीडबैक भी लिया गया। वहीं विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन बनाएं रखने और उनमें प्रतियोगिता की भावना बनाए रखने के लिए पुरस्कार और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इसके पश्चात सभी विद्यार्थियों को वन, वन्य प्राणियों की सुरक्षा की शपथ दिलाई गई।
     वन मंडल अधिकारी दक्षिण सामान्य के आदेशानुसार और उपमंडल अधिकारी बी।आर। सिरसाम के निर्देशन पर ईको कैम्प का आयोजन करवाया गया। ईको कैम्प में वन परिक्षेत्र अधिकारी बाबूलाल चड़ार ने स्कूली बच्चों के साथ वन भ्रमण किया। वहीं अंतिम में प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में जिला लघु वनोपज संघ जिलाध्यक्ष रामेश्वर बिसेन बतौर मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुए। इनके अलावा जनपद सदस्य सुखचंद पटले, जमुनिया सरपंच उमेश पटले, एडीपीओ सुनील पहेरिया विशेष अतिथि रहे। इन आमंत्रित अतिथियों ने बच्चों से संवाद कर अपने अनुभव साझा करते हुए वनों के महत्व को विस्तार से बताया। एडीपीओ ने वनों और वन्य प्राणियों को नुकसान पहुंचाने वाले अपराधियों पर किस तरह से कार्रवाई होती है इसकी जानकारी दी। ईको कैम्प के सफल आयोजन में उपवन क्षेत्रपाल वाय।के।गेड़ाम, वनपाल ओ।पी।जगने, वनपाल कस्तुरा उइके, कांतीलाल उइके, शशीकला चन्द्रवेल, सतीश उईके, वनरक्षक अमोल गौतम, अतुल कंगाली, सुमित मेश्राम, हरिप्रसाद टेकाम, गयाप्रसाद चौधरी, नरेश सिंघनदुपे, एन।डी।शर्मा का सराहनीय योगदान रहा।