बालाघाट। हर घर तक पानी पहुंचाने की मंशा से केंद्र सरकार द्वारा जल जीवन मिशन के तहत कार्य करवाया जा रहा है, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मार्फत यह कार्य करवाये जा रहे हैं। यह योजना अच्छी सोच के साथ जिले भर में निवासरत लोगों को उनके घर तक पानी पहुंचाने की मंशा से शुरू किया गया लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाह कार्यप्रणाली के चलते यह हिचकोले खाते नजर आ रही है। बालाघाट जिले में जल जीवन मिशन के अंतर्गत पहले फेज में 555 योजनाएं शुरू की गई थी इन योजनाओं का कार्य वर्ष 2020 में प्रारंभ किया गया था वर्ष 2024 तक टारगेट पूरा करना था लेकिन अधिकांश योजनाएं अब तक पूर्ण नहीं हो पाई है और विभाग को दूसरा नया टारगेट मिल गया है जिस पर सवाल उठना लाजिमी है। आपको बताएं कि जल जीवन मिशन के कार्य जिले के सभी ब्लॉकों में करवाए गए। कार्य शुरू होते ही लोगों को बहुत प्रसन्न देखा जा रहा था यह सोचकर कि उन्हें जल्द नल जल योजना का लाभ मिलेगा लेकिन लोगों का इंतजार अभी तक खत्म नहीं हो पाया है। ग्रामीण जनता अभी भी नल जल योजना पूर्ण होने का इंतजार कर रही है।
विभाग दिखा रहा तीन सैकड़ा से अधिक योजनाएं पूर्ण होने का आंकड़ा
पीएचई विभाग द्वारा जिले में 321 योजनाएं पूर्ण होने का आंकड़ा कागजों में दिखाया जा रहा है जबकि इनमें से आधी योजनाएं भी ग्राम पंचायत को हैंडोवर नहीं हो पाई है, क्योंकि कार्य अपूर्ण होने के कारण ग्राम पंचायत द्वारा उसे अपने हैंडओवर में नहीं लिया गया। कई ग्रामों के सरपंच द्वारा बताया गया कि वे तब तक योजनाओं को हैंडओवर में नहीं लेंगे जब तक ठेकेदार द्वारा अपना कार्य पूर्ण नहीं किया जाता।
नई 467 योजनाएं आई विभाग के पास
जो जानकारी सामने आई उसके अनुसार पीएचई विभाग के पास नई 467 योजनाएं आई है जो की 248 करोड़ लागत की है। इसके पहले 555 योजनाएं आई थी जो 684 करोड़ लागत की थी जिनमें से अभी तक 321 योजनाएं पूर्ण होना बताया जा रहा है। द्वितीय चरण में 398 नई योजनाओं के लिए कार्यादेश जारी हो गए है।
एक ठेकेदार को दिया गया कई योजनाओं का काम
योजना में अभी तक बड़ी तादाद में अपूर्ण होने के पीछे कारण यही सामने आया है कि एक-एक ठेकेदार को बहुत सारी योजनाओं का काम विभाग द्वारा दे दिया गया है, जिसके कारण ठेकेदार द्वारा योजनाओं को पूर्ण करने में विलंब हो रहा है। यदि अधिकारियों द्वारा ठेकेदार को क्रमबद्ध तरीके से बारी-बारी से योजनाएं दी जाती तो यह एक के बाद एक सही तरीके से पूर्ण होती। ठेकेदारों का ध्यान कई योजनाओं पर होने के कारण बड़ी संख्या में योजनाएं अपूर्ण ही दिख रही है।
अधिकारियों ने नहीं दिखाई गंभीरता
बताया जा रहा है कि ठेकेदारों को योजनाओं का जिम्मा तो दे दिया गया लेकिन योजनाओं में होने वाले कार्य की मॉनिटरिंग संबंधित उपयंत्री को करना होता है। उपयंत्रियो द्वारा ठेकेदारों पर प्रेशर नहीं बनाया गया जिसके कारण इन योजनाओं में मनमर्जी कार्य किया जा रहा है। इनमें सबसे बुरी स्थिति बालाघाट ब्लॉक की है, यहां समीप के गांवो में भी योजनाएं पूर्ण नहीं हो पाई है। जिन गांवो में योजना पूर्ण दिखाया जा रहा है उन गांवो में भी नल जल योजना के बुरे हालात है। इसके पीछे कारण यही सामने आया है कि एसडीओ द्वारा योजनाओं को पूर्ण करने गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है।
किरनापुर और बैहर में सबसे अधिक योजनाएं पूर्ण
पीएचई विभाग के जो आंकड़े बताए जा रहे हैं उसके अनुसार जल जीवन मिशन योजना के तहत जो कार्य कराए गए हैं उनमें सबसे अधिक योजनाएं जनपद पंचायत किरनापुर एवं उसके बाद बैहर जनपद क्षेत्र में योजनाएं पूर्ण होने की जानकारी सामने आई है। जो आंकड़े सामने आए हैं उसके अनुसार किरनापुर में 55 योजनाएं व बैहर में 43 योजनाएं पूर्ण होना दिखाया जा रहा है। इनके अलावा बालाघाट में 38, खैरलांजी में 35, बिरसा एवं परसवाड़ा में 33, कटंगी 31, वारासिवनी में 29 एवं लांजी में 23 योजनाएं पूर्ण होना बताया जा रहा है।