कटंगी। तालाब के जीर्णोद्धार से पहले अतिक्रमण की वास्तविकता का पता लगाने के लिए शनिवार को राजस्व विभाग के 06 पटवारियों का एक दल राजस्व निरीक्षक के साथ कटंगी शहर के बड़े तालाब का सीमाकंन करने के लिए पहुंचा लेकिन नगर परिषद की तरफ से सहयोग नहीं मिलने के कारण बिना सीमांकन की प्रक्रिया शुरू किए ही बेरंग वापस लौट गया। दरअसल, बड़े तालाब के कुछ हिस्से में जलभराव, कीचड और तालाब की पार पर झाडिय़ों के कारण राजस्व कर्मचारी तालाब का सीमांकन शुरू ही नहीं कर पाए। सीमांकन करने पहुंचे राजस्व कर्मचारियों ने अपने वरिष्ट अधिकारियों को मौका स्थिति की दूरभाष पर सूचना दी और मार्गदर्शन लेकर नगर परिषद के कर्मचारी की मौजूदगी में मौका पंचनामा तैयार किया। अब सात दिनों के बाद सीमांकन की कार्रवाई शुरू होगी लेकिन इससे पहले नगर परिषद को तालाब के सीमांकन में कोई व्यवधान उत्पन्न ना हो ऐसी व्यवस्था बनाकर देने के लिए कहा गया है। बता दें कि आज जब राजस्व अमला सीमांकन के लिए पहुंचा तो नगर परिषद का एक भी जिम्मेदार अधिकारी या कर्मचारी मौके पर नहीं था। राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने जब बार-बार नपा अधिकारियों को फोन किया तब कहीं जाकर नपा राजस्व निरीक्षक टीम के साथ तालाब पहुंचे।
7 दिनों बाद शुरू होगा सीमांकन
      बड़े तालाब के सीमांकन के लिए पटवाटियों का एक दल गठित किया गया है। राजस्व निरीक्षक शंकर दयाल कौल अलावा इस दल में पटवारी जागेन्द्र चौधरी, ओमप्रकाश राहंगडाले, भूपेन्द्र पारधी, सूर्यशेखर राहंगडाले, शशी किशोर पटले, लोकेश कटरे शामिल है। जो तालाब का सीमांकन करेंगे। ज्ञात रहे कि शहर के बड़े तालाब के जीर्णोद्वार के लिए 07 साल पहले नगर परिषद कटंगी को 2 करोड़ 17 लाख रुपए की राशि शासन से स्वीकृत हुई है जिसमें 1 करोड़ की पहली किस्त नगर परिषद को दी जा चुकी है लेकिन अब तक तालाब का जीर्णोद्धार शुरू नहीं हो पाया। इसकी सबसे बड़ी वजह तालाब के आस-पास के अतिक्रमण को बताया जा रहा है। चर्चा है कि तालाब की भूमि पर रसूखदारों ने कब्जा कर इमारते बना ली है और कोई भी जनप्रतिनिधि और जिम्मेदार अधिकारी इन रसूखदारों का अतिक्रमण हटाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया है।
दस्तावेजों में दर्ज 37 एकड़ से अधिक तालाब भूमि-
शासकीय अभिलेखों के मुताबिक कटंगी शहर का बड़ा तालाब 37 एकड़ से अधिक भूमि पर फैला हुआ है जिसका जीर्णोद्धार होना है लेकिन जीर्णोद्धार से पहले तालाब को अतिक्रमण मुक्त करना है। जिसकी मांग काफी लंबे समय से की जा रही है। गत दिनों विधायक गौरव सिंह पारधी ने नगर परिषद अध्यक्ष योगेन्द्र ठाकुर के साथ तालाब की जमीनी स्थिति को देखा था। दरअसल, नपा अध्यक्ष योगेन्द्र ठाकुर अपने कार्यकाल में तालाब का जीर्णोद्धार हर हाल में करवाना चाहते है और वह इस बात से वाकिफ है कि तालाब का सीमांकन होता है और अगर रसूखदारों का अतिक्रमण निकलकर सामने आता है तो इसमें राजनीतिक हस्तक्षेप होगा। इस तरह के हस्तक्षेप से बचने के लिए अध्यक्ष ने विधायक को विश्वास में लेकर तालाब के जीर्णोद्धार में सहयोग करने की पेशकश की जिस पर विधायक ने भी हर संभव मदद का भरोसा दिया है। अब तक विधायक कई बार नपा और राजस्व अधिकारियों से इस तालाब को लेकर चर्चा कर चुके है लेकिन देखने में आ रहा है नगर परिषद कटंगी के अधिकारी और कर्मचारी तालाब के जीर्णोद्धार कार्य में उतनी अधिक रुचि नहीं दिखा रहे है। अगर नपा कर्मचारी थोड़े भी गंभीर होते तो शायद आज राजस्व अमले को बेरंग वापस नहीं लौटना पड़ता सीमांकन आज से ही शुरू हो जाता। फिलहाल तो राजस्व अमले ने नगर परिषद को सात दिनों के भीतर तालाब के आस-पास की पार से झाडिय़ों को साफ करके देने कहा है ताकि आसानी से सीमांकन का कार्य पूर्ण हो सकें।
इनका कहना है
      तालाब की पार में झाडिय़ां होने की वजह से सीमांकन शुरू नहीं हो पाया वरिष्ट अधिकारियों को इस संबंध में जानकारी देने के बाद पंचनामा तैयार किया गया और नगर परिषद से 07 दिनों के भीतर झाडिय़ां साफ करने कहा गया है जिसके बाद ही सीमांकन शुरू हो पाएगा।
                                                     शंकर दयाल कौल
                                                      राजस्व निरीक्षक