बालिका व महिला की सतर्कता से बची हजारों लोगों की जान
 बालाघाट। स्थानीय पूज्य सिंधी पंचायत द्वारा चेट्रीचंड/झूलेलाल जयंती के अवसर पर 10 अप्रैल को आयोजित लंगर के भोजन में कथित रुप से एसिड
मिलाने, गुरुनानक धर्मशाला में लगे हुए सीसीटीवी कैमरों एवं पानी की टंकी में पानी भरने वाली मोटर में लगे हुए वायरों को काटने का मामला अब तूल पकडऩे लगा हैं। वहीं जिस बालिका व महिला की सतर्कता के कारण हजारों लोगों की जान बच गई, उसकी नागरिकगण भूरी-भूरी प्रशंसा कर रहे हैं। यहीं नहीं पूज्य सिंधी पंचायत के पदाधिकारियों द्वारा बालिका व महिला को पुरस्कृत करने की बात कही जा रही हैं।
सिंधी पंचायत के पदाधिकारी मामले को कर रहे दबाने का प्रयास
इस मामले के सोशल मीडिया में उछलने के बाद पूज्य सिंधी पंचायत द्वारा मामले को दबाने का प्रयास करने के कारण अब उसके पदाधिकारीगण भी संदेह के घेरे में आ गए हैं। क्योंकि घटना को लगभग 9 दिन होने के बाद भी पूज्य सिंधी पंचायत के लोग सिर्फ बैठकें कर रहे हैं और इस घटना की जॉच के लिए पुलिस थाने में उनके द्वारा आज तक कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई गई हैं। वहीं पूज्य सिंधी पंचायत के अध्यक्ष लखीराम रामचंदानी द्वारा भी इस घटना के संबंध में मीडिया से कुछ भी कहने से इंकार किया जा रहा हैं।
लंगर की सब्जी व बरतनों में किया गया था एसिड का छिडक़ाव
प्राप्त जानकारी अनुसार पूज्य सिंधी समाज द्वारा 10 अप्रैल 2024 बुधवार को चेट्री चंड्र/ झूलेलाल जयंती का कार्यक्रम स्थानीय गुरुनानक धर्मशाला में रखा गया था और नगर में शोभा यात्रा भी जोर शोर से निकाली गई थी। जिसके बाद प्रतिवर्ष अनुसार लंगर का आयोजन भी किया गया था। एक दिन पूर्व से ही लंगर में बांटे जाने वाले भोजन और उसकी तैयारी प्रारंभ कर दी गई थी। जानकारी अनुसार जब लंगर का भोजन बनाया जा रहा था, इस दौरान एक व्यक्ति द्वारा अधपकी सब्जी में कथित रुप से जहरीला पदार्थ एसिड डाल दिया गया था। इस घटनाक्रम को भोजन बनाने का कार्य करने वाली एक महिला और उसकी बेटी द्वारा देखने के बाद इसकी शिकायत पंचायत के सदस्य मोहन चिमनानी को की गई थी। जिन्होंने कथित रुप से जहरीली हो चुकी सब्जी को फिंकवा दिया और उसके स्थान पर पुन: नई सब्जी बनवाई गई। लेकिन बर्तनों पर जहरीले पदार्थ ने अपने निशान छोड़ दिए थे।
कथि रुप से एसिड छिडकऩे वाले ने पानी की मोटर व सीसीटीवी कैमरे के वायर भी काट दिए थे वहीं जब मोटर चालू नहीं होने पर मिस्त्री को बुलवाया गया, तो पता चला कि मोटर खराब नहीं हुई हैं, बल्कि कुछ स्थानों से मोटर के वायर काट दिए गए हैं, वहीं सीसीटीवी कैमरे के तार भी कटे हुए पाए गए। जिसे पंचायत के सदस्यों व पदाधिकारियों द्वारा सुधरवाया गया। चर्चा हैं कि कार्यक्रम के बाद पूज्य सिंधी पंचायत के पदाधिकारियों ने एक बैठक ली थी। जिसमें भोजन बनाने वालों के ग्रुप में शामिल महिला द्वारा जिस व्यक्ति का नाम कथित रुप से एसिड डालने के संबंध में लिया गया था। उसे बुलाया गया था। जहॉ पर उसने पहले तो इस प्रकार की किसी भी हरकत को करने से इंकार कर दिया, लेकिन बाद में उसने एसिड डालने की बात को स्वीकार करते हुए माफी मॉगी। जिस पर पंचायत के पदाधिकारियों ने उसे माफ करते हुए भविष्य में पंचायत की ओर से कोई भी कार्य नहीं देने की बात कही।
सोशल मीडिया पर घटना की जानकारी फैलते ही मचा हडक़ंप
        लेकिन इस बात की खबर सिंधी समाज में फैलते ही समाज के लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया और कुछ लोगों ने संबंधित व्यक्ति पर कार्यवाही करने की बात कही। लेकिन जब पंचायत के पदाधिकारियों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया, तो फिर युवाओं ने इस मामले को सोशल मीडिया के व्हाट्स एप ग्रुप रायता के माध्यम से जनता के बीच उठा दिया।      
सोशल मीडिया पर इस बात का खुलासा होते ही सिंधी समाज में हडक़ंप की स्थिति बन गई। जहॉ कुछ लोग सब्जी में कथित रुप से एसिड मिलाने वाले व्यक्ति के पक्ष में लिखने लगे, तो कुछ लोगों ने इस मामले में पंचायत द्वारा कोई कार्यवाही नहीं करने को लेकर पदाधिकारियों को आड़े हाथों लिया।
सिंधी समाज ने मामले को व्हाट्स एप ग्रुप में लिखने पर किया फतवा जारी
2-3 दिन तक लगातार सोशल मीडिया पर चलने वाले इस मामले के बाद अंतत: पूज्य सिंधी पंचायत द्वारा 16 अप्रैल को समाज की एक बैठक बुलाई गई। इस बैठक में सिंधी समाज के लगभग सभी छोटे-बड़े लोग मौजूद रहे। बताया जाता है कि बैठक में तरह तरह के विषयों पर अधिक चर्चा हुई, किंतु कथित रुप से एसिड मिलाने वाली घटना पर उतना अधिक बल नहीं दिया गया। बल्कि व्हाट्स अप ग्रुप पर की गई सार्वजनिक चर्चाओं पर नाराजगी अधिक व्यक्त की गई। चर्चा हैं कि बैठक में एक मौखिक फतवा भी जारी कर दिया गया हैं कि अगर समाज का कोई व्यक्ति तत्संबंध में व्हाट्स अप पर चर्चा  करेगा, तो 21000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा और गंभीर मामले से विषयांतर होकर चंद लोगों ने अपनी भड़ास व्हाट्स अप ग्रुप पर निकालने का प्रयास किया।
संजू सहजवानी ने सब्जी में मिलाई जहरीली दवाई
इस पूरे मामले की खोजबीन करते हुए जब मीडिया ने लंगर में भोजन बनाने में शामिल महिलाओं कांता बिसेन, सुनीता नारबोदे व बालिका काजल बिसेन से ग्राम खंडवा के पुल के नीचे मुलाकात की। तो कांता बिसेन ने बताया कि सिंधी समाज का संजू सहजवानी हमारे भोजन बनाने के स्थान किचन में आया था और मुझे कहा कि मोहन आ रहा हैं, उससे बाहर के बाहर ही बात करना, अंदर मत आने देना, कहकर मुझे बाहर भेज दिया। संजू सहजवानी को जेब से शीशी निकाल कर सब्जी में दवाई छिडक़ते हुए मेरी बेटी काजल बिसेन ने देखा और उसने साथ वाली महिला सुनीता नारबोदे को बताया। जिस पर महिला ने धनिया में हाथ फिरा कर देखा, तो उसमें एसिड मेरे हाथ में लगा और उससे दुर्गंन्ध आ रही थी, इसी बीच संजू स्टोर रुम में भी गया और वहॉ पर बाल्टियों व बरतनों में भी दवाई को छिडक़ा। तो वहॉ पर भी दुर्गन्ध आ रही थी। इस घटना की जानकारी जब हमने मोहन भैया व लखी भैया को दी, तो उन्होंने मेरी बेटी व सुनीता को इनाम देने की बात कही और पंचायत की ओर से मेरी बेटी के लिए 600 रुपये का फ्राक भी लिया हैं। उनकी बड़ी मीटिंग में मेरी बेटी और महिला सुनीता को इनाम देगे। जिसमें हमारा बुलावा हैं।
गंभीर मामले में कथित रुप से माफी देना संदेह के दायरे में
यहॉ उल्लेखनीय हैं कि भोजन बनाने वाली महिलाओं द्वारा पूज्य सिंधी पंचायत के अध्यक्ष लखीराम रामचंदानी और मोहन चिमनानी को जानकारी दी गई थी। जिसके बाद उनके द्वारा सब्जी फिंकवाई गई और बरतनों को साफ करवाया गया था। लेकिन इस मामले की गंभीरता को जिस प्रकार से पंचायत के पदाधिकारियों द्वारा नजरअंदाज करते हुए कथित रुप से आरोपी को सिर्फ माफी मॉगने पर माफ  कर दिया गया और इस मामले के समाज के बीच उठने के बावजूद भी जिस प्रकार की कार्यवाही पंचायत द्वारा की जा रही हैं, वह चिंतनीय विषय हैं।
सिंधी समाज सहित विभिन्न समाज के लोग व जनप्रतिनिधि होते हैं लंगर में शामिल
विदित हो कि पूज्य सिंधी समाज द्वारा आयोजित लंगर में नगर के गणमान्य नागरिकों, विभिन्न समाज के नागरिकों सहित विधायक व अन्य जनप्रतिनिधि भी भाग लेते हैं। उस दिन भी विधायक विवेक विक्की पटेल अपने साथियों के साथ और अन्य समाज के नागरिकगण भी लंगर में पहुॅचे थे और उनके द्वारा लंगर का प्रसाद भी ग्रहण किया गया। यदि संजू सहजवानी द्वारा सब्जी में एसिड छिडकऩे की हरकत को बालिका काजल बिसेन द्वारा नहीं देखा जाता और एसिड मिश्रित सब्जी बनकर श्रद्धालुओं को प्रसाद के रुप में वितरित हो जाती, तो एक बड़ी दुर्घटना घट सकती थी।
घटना पर कुछ भी कहने से सिंधी समाज अध्यक्ष ने किया इंकार
इस कथित एसिड कांड पर जब पूज्य सिंधी पंचायत के अध्यक्ष लखीराम रामचंदानी से उनका पक्ष जानना चाहा गया, तो उन्होंने यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया कि संजय सहजवानी नागपुर में अपना इलाज करवा रहा है और वह जब आएगा, तब समाज की बैठक बुलाई जाएगी और जो निर्णय होगा, वो आपको बताया जाएगा। फिलहाल इस विषय पर मैं कुछ नहीं कह सकता।
सिंधी समाज द्वारा एक बड़ी घटना को छुपाने का किया जा रहा प्रयास
सिंधी समाज के अध्यक्ष श्री रामचंदानी द्वारा इस विषय पर कुछ ना कहना और 9 दिन बीत जाने के बाद भी घटना की शिकायत पुलिस को ना किए जाने को लेकर ऐसा प्रतीत होता हैं कि एक बड़ी घटना को छुपाने का प्रयास किया जा रहा हैं, जबकि घटना होने से इंकार कोई नहीं कर रहा हैं।
सिंधी समाज के कार्यवाही नहीं करने पर सर्व समाज कर सकता हैं पहल
सूत्रों की माने तो यह मामला अब एक समाज का नहीं वरन सर्व समाज का बनकर सामने आया हैं, क्योंकि लंगर में विभिन्न समाज के लोग भी प्रसाद ग्रहण किया करते है। सूत्रों के अनुसार नगर के कुछ जागरूक लोग इस बात की प्रतीक्षा कर रहे हैं कि पूज्य सिंधी समाज इस मामले में कोई कार्यवाही करता हैं या नहीं? अन्यथा सर्वसमाज की बैठक आहूत कर आगे की कार्यवाही पर विचार कर पुलिस और प्रशासन को इस पूरे मामले से अवगत कराकर मामले की निष्पक्ष जॉच कर आरोपी पर सख्त कार्यवाही की मांग की जाएगी।