लोगों ने मचाया हंगामा, कई मरीज बगैर उपचार कराये लौटे
बालाघाट।
जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर सवाल खड़े होते ही रहते हैं पिछले एक दो माह पूर्व भी व्यवस्थाओं को लेकर आवाज उठी थी इसके बावजूद भी व्यवस्थाएं नहीं सुधर रही है, जिसका एक नजारा मंगलवार को जिला अस्पताल में देखने को मिला। सुबह से ही विद्युत की आंखमिचोली चलती रही, वहीं दोपहर 12 बजे के बाद लाइट गुल होने के चलते सीटी स्कैन करने पहुंचे मरीजों को देर शाम तक लाईट आने का इंतजार करना पड़ा। जहां सब्र का बांध टूटते ही मरीज और उनके परिजनों ने जमकर हंगामा मचाते हुए व्यवस्थाओं में सुधार किए जाने की मांग की। बताया जा रहा है कि दोपहर 12 बजे लाइट गुल होने के बाद जब शाम 4 बजे लाइट आई तो वहां से टेक्नीशियन गायब हो गया और जब टेक्नीशियन वापस आया तो अचानक सीटी स्कैन मशीन में ही फाल्ट आ गया। जिसके चलते मरीज और उनके परिजनों सहित स्टाफ को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। जहां मशीन का फाल्ट धरती के बाद शाम 5 बजे के बाद मरीज को सीटी स्कैन की सुविधा मिल सकी। इस दरमियान कई मरीजों को निजी अस्पताल जाना पड़ा तो कई मरीज बिना इलाज कराए ही घर वापस बैरग लौट गए। जिला अस्पताल में सुबह उपचार के लिए पहुंचे मरीजों को देर शाम तक उपचार नहीं मिल सका बताया जा रहा है कि सुबह पर्ची काटने के बाद चिकित्सक से उपचार करने के लिए उन्हें घंटो लाइन लगाकर खड़ा रहना पड़ा, तो वहीं चिकित्सक से सलाह लेने मैं करीब 2 घंटे बीत गए। चिकित्सक की सलाह पर जो मरीज सीटी स्कैन कराने सीटी स्कैन कक्ष पहुंचे तो वहां लाइट गुल होने के चलते देर शाम तक सीटी स्कैन नहीं कर सका। जानकारी के अनुसार टेक्निकल फॉल्ट आ जाने के कारण जिला अस्पताल में दोपहर 12 से लेकर शाम 4 बजे तक लाइट गुल रही। जहां दोपहर 12 बजे के पहले तो कुछ मरीजों ने सीटी स्कैन करा दिया लेकिन 12 बजे लाइट गोल होने के बाद सीटी स्कैन करने पहुंचे मरीजों को सीटी स्कैन करने के लिए देर शाम तक का इंतजार करना पड़ा। इस दौरान कई मरीज और उनके परिजनों ने जमकर हंगामा मचाते हुए व्यवस्थाओं में सुधार किए जाने की मांग की, तो कुछ मरीजों को मजबूरन पैसे खर्च कर निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ा। तो कई मरीज बिना सिटी स्कैन कराए ही बैरग घर वापस लौट गए
 मशीन खराब होने से भी मरीज हुए परेशान
लाइट गुल रहने से शाम 4 बजे तक मरीज सिटी स्कैन नहीं कर पाए। जब शाम 4 बजे लाइट आई तो सिटी स्कैन करने के लिए मरीजों की कतारे लग गई, लेकिन लाइट आने पर टेक्नीशियन गोल हो गया। टेक्नीशियन न होने के चलते मरीजो का सिटी स्कैन नहीं हुआ।फिर काफी देर बीत जाने के बाद जब टेक्नीशियन आया तो मशीन में फाल्ट आ गया जिसे सुधारने में करीब 1 घंटे तक का वक्त लग गया।जिसके चलते दोपहर 12 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक सीटी स्कैन का कार्य नहीं हो सका और मरीजों के साथ-साथ उनके परिजनों और टेक्निकल स्टाफ को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। लालबर्रा निवासी डुलेंद्र रनगिरे ने बताया कि वे सुबह 11 बजे सिटी स्कैन करने आए थे सुबह से लेकर शाम तक इंतजार करना पड़ रहा है लेकिन अब तक सीटी स्कैन नहीं हुआ है। कर्मचारी बता रहे हैं की लाइट गुल हो गई है। इसीलिए सीटी स्कैन नहीं हो रहा है। मरीज के परिजन राजेश नगपुरे ने बताया कि दोपहर 12से लाइट गुल हुई है अभी तक लाइट नही आई। कर्मचारी बोल रहे हैं कि जब तक लाइट नहीं आएगी तब तक सीटी स्कैन नहीं हो सकता हम लाइट आने का इंतजार कर रहे हैं।
12 बजे से सीटी स्कैन का इंतजार कर रहे हैं - ओमकला
 खैरलांजी से मरीज को लेकर आई ओमकला बनोटे ने बताया कि हम अपने साथ वाले पेशेंट को लेकर सिटी स्कैन करने आए हैं लेकिन लाइट गुल है। दोपहर 12 से सीटी स्कैन का इंतजार कर रहे हैं लेकिन अब तक सीटी स्कैन नहीं हो पाया है। अब शाम को लाइट आई तो मशीन में फाल्ट आ गया अभी मशीन का फाल्ट ठीक हुआ है और सीटी स्कैन का काम शुरू हुआ है हम अपने नंबर आने का इंतजार कर रहे हैं।
लाइट गुल होने के कारण व्यवस्था हुई प्रभावित- दीपक
सीटी स्कैन कक्ष अटेंडर दीपक परते ने बताया कि ऐसा पहली बार हुआ है कि लंबे समय तक लाइट गुल रही हो। लाइट गुल होने के चलते सीटी स्कैन का कार्य नहीं हो पा रहा है ।जिसके चलते कक्ष के बाहर लंबी लाइन लगी हुई है। लाइट गुल हो गई है तो हमारा पूरा काम बाद पड़ा है यहां सिस्टम लाइट के भरोसे चलता है। बैकअप के इंतजाम नहीं है। उन्होंने बताया कि इनवर्टर है लेकिन इनवर्टर से सिर्फ सिस्टम शुरू होता है मशीन का डायरेक्ट ट्रांसफ़ारम से कनेक्शन है ।उसके बिना मशीन शुरू नहीं होती। लाइट गुल होने के चलते मरीजों के साथ-साथ हम भी हम खुद भी परेशान हो रहे हैं।

सभी मरीजों का होगा सीटी स्कैन- इकबाल
चर्चा के दौरान सीटी स्कैन मैनेजमेंट स्टाफ शेख इकबाल ने बताया कि यहां लाइट गुल होने के चलते चार-पांच घंटे से लोग परेशान हो रहे हैं अभी लाइट आई है मशीन में टेक्निकल फॉल्ट आ गया था जिसे सुधार लिया गया है। फेस बदलकर अभी मशीन शुरू किए हैं सीटी स्कैन का कार्य भी प्रारंभ हो गया है। उन्होंने बताया कि यहां दिन भर मरीज आते जाते रहते हैं। रोजाना 20 से 25 मरीजो के सिटी स्कैन किए जाते हैं लेकिन आज लाइट गोल होने के चलते भीड़ ज्यादा बढ़ गई है। हम अतिरिक्त समय निकालकर सिटी स्कैन का कार्य कर लेंगे ।जो लोग घर चले गए हैं यदि वे कल आएंगे तो उनका भी सिटी स्कैन कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह मशीन 40 किलो वाट की है जो जनरेटर या अन्य बैकअप से शुरू नहीं होती। डायरेक्ट ट्रांसफॉर्म से इसका कनेक्शन रहता है। बिना कनेक्शन के मशीन बंद रहती है जिसके चलते आज परेशानी उठानी पड़ी है।