घायल मजदूर को छोटा हाथी से पहुंचाया अस्पताल
कटंगी। कटंगी-सिवनी मुख्य सड़क मार्ग पर राधा कृष्ण मंदिर से महज कुछ ही दूरी पर एक तेज रफ्तार ट्रेक्टर ने साईकिल सवार मजदूर को जबरदस्त टक्कर मारकर गंभीर रुप से घायल कर दिया है। हादसा शनिवार की शाम करीब साढ़े 05 बजे के आस-पास हुआ है। सड़क हादसे के बाद 108 पर कॉल किया गया लेकिन एंबुलेस नहीं मिल पाई जिसके चलते घायल शख्स को छोटा हाथी में रखकर उपचार के लिए सरकारी अस्पताल कटंगी पहुंचाया गया। घायल शख्स की पहचान बंसत झारिया निवासी कोलापुर के रुप में की गई जो कटंगी में एक इमारत के निर्माण में मजदूरी का काम करने के लिए आया हुआ था और छुट्टी के बाद घर लौट रहा था इस दौरान कटंगी से सिवनी रोड़ की तरफ जा रहे तेज रफ्तार ट्रेक्टर ने मजदूर को टक्कर मार दी। घायल शख्स को प्राथमिक उपचार देने के बाद जिला अस्पताल बालाघाट रेफर किया गया है। पुलिस ने ट्रैक्टर को जब्त कर लिया है।
    वैसे तो सड़कों का निर्माण शहरों और गांवों के विकास को दिखाने के साथ ही आवागमन को सुलभ बनाने के लिए होता है लेकिन सड़कों पर सरपट तेज रफ्तार दौड़ रहे वाहन सड़क दुर्घटना का कारण बन रहे है। बीते कुछ सालों में वाहनों की तेज रफ्तार की वजह से कई हादसे हुए है जिनमें कई लोगों की अकाल मौत हो गई किन्तु इन हादसों से कोई भी सबक नहीं ले रहा है। वहीं जिम्मेदार पुलिस विभाग भी सड़कों पर सरपट दौड़ते वाहनों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। इन दिनों रेत का परिवहन करने वाले डंपर और ट्रैक्टर की रफ्तार से तो हर कोई वाकिफ है। इनके चालकों के द्वारा लापरवाही पूर्वक वाहन चलाकर कई लोगों को जीवन भर के लिए अपाहिज बना दिया गया है तो कई लोगों की जाने जा चुकी है। कटंगी शहर के तमाम चाक-चौराहों और व्यस्ततम इलाकों में ट्रेक्टर और डंपरों को बेधड़क तेज रफ्तार से भागते हुए देखा जा सकता है। ऐसा नहीं कि पुलिस या प्रशासन में बैठे अधिकारियों को इनकी जानकारी नहीं है। पुलिस और अधिकारियों के पास कई मौखिक शिकायतें है बस कार्रवाई के लिए हादसों का इंतजार किया जा रहा है और ऐसा भी नहीं है कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने एवं सड़क दुर्घटना में होने वाली मृत्यु दर पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस कुछ नहीं करती। पुलिस यातायात जागरुकता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करती है। दो पहिया वाहन चालकों को हेलमेट पहनने एवं चार पहिया वाहन चालकों को सीट बेल्ट लगाने के लिए प्रेरित किया जाता है।
     गौरतलब हो नगर की सकरी सड़कों पर मौत के रूप में तेज गति से दौड़ रही बाइक, चारपहिया वाहनों, ट्रेक्टरों, डंपरों और बसों की रफ्तार रोकने पुलिस और प्रशासन निष्क्रिय साबित हो रहा है। वाहनों की गति पर अंकुश लगाने में जिम्मेदार कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे है. शहरी सीमा में 20 किमी प्रति घंटा की गति में वाहन चलाने बोर्ड भी लगाया गया है।इसके बावजूद चालक नियमों को धत्ता बताते हुए तेज गति से वाहन दौड़ा रहे हैं। वहीं सकरी सड़कों में वाहनों की गति पर अंकुश नहीं होने के कारण आए दिन लोग दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। इधर नगर घुसते के साथ बसों की बेतरतीब रफ्तार भी काफी तेज हो जाती है। पैसेंजर लेने के प्रतिस्पर्धा के चलते बसें बेहद तेज गति से सड़कों पर दौड़ाई जाती है। रात के दौरान ट्रकों की रफ्तार बहुत तेज रहती है। वहीं दिन हो रात ट्रैक्टर और डंपर की रफ्तार पर किसी का नियंत्रण नहीं है।