कटंगी। मंगलवार 12 दिसंबर से डाकघर के संविदा ग्रामीण डाक कर्मचारियों ने देशव्यापी अनिश्तिकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. यहां बालाघाट जिले की कटंगी और तिरोड़ी तहसील के समस्त ग्रामीण डाक कर्मचारियों ने मंगलवार को अखिल भारतीय डाक सेवक संघ के बैनर तले कटंगी डाकघर के सामने बैठकर धरना दिया। डाक कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से डाक विभाग से जुड़े तमाम कामकाज पर इसका पहले ही दिन असर देखने को मिला। इस दिन चिट्टी-पत्र का वितरण नहीं हुआ। इसके अलावा ग्रामीण शाखाओं में सभी तरह के कामकाज बंद रहे। डाक कर्मचारी 07 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्तिकालीन हड़ताल पर गए है।
इन मांगों को लेकर डाक कर्मचारी काफी लंबे समय से केन्द्र सरकार से लड़ रहे है लेकिन सरकार से केवल आश्वासन ही मिल रही है। अब आगामी समय में लोकसभा चुनाव होने है इससे ठीक पहले ग्रामीण डाक कर्मचारियों ने सरकार की तरफ अपना ध्यानाकर्षण करवाने के लिए अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की है।
कटंगी डाकघर में धरने पर बैठे ग्रामीण डाक कर्मचारियों ने बताया कि उनकी प्रमुख मांगों में 08 घंटे काम और पेंशन सहित सभी लाभ प्रदान करना प्रमुख रूप से शामिल है। इसके अलावा नियमित कर्मचारियों के समान 1 जनवरी 2016 से टीआरसी (समय संबंधी निरतंरता भत्ता) का 12,24 और 36 वर्ष की सेवा पूरी करने पर तर्कसंगत निर्धारण, वरिष्ट नागरिकों बंचिंग के लिए वेटेज वृद्धि, समयबृद्ध वित्तिय उन्नयन सहित कमलेश चन्द्र समिति की सिफारिशे जिसमें समूह बीमा कवरेज 5 लाख रुपए तक बढ़ाने, विभागीय कर्मचारियों के साथ समानता में जीडीएस ग्रेच्युटी में वृद्धि करने, 180 दिनों की संवैतनिक छुट्टी को आगे बढ़ाना आर उसका नगरीकरण करना शामिल है का तत्काल कार्यान्वयन करने की मांग शामिल है।
ग्रामीण डाक कर्मचारियों ने सभी प्रोत्याहन योजनाओं/ प्रणालियों को समाप्त कर जीडीएस द्वारा लिए गए सभी कार्यों जैसे आईपीपीबी, पीएलआई, बचत योजनाओं और एमजीएनआरईजीएस को उनके कार्यभार मूल्याकंन में शामिल करने, जहां भी लागू हो एसडीबीएस (सेवा निर्वहन लाभ भत्ता) में जीडीएस और विभाग के योगदान को 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने और सभी सेवानिवृत्त जीडीएस को पेंशन प्रदान करने की मांग शामिल है। वहीं ग्रामीण डाक कर्मचारियों ने समाज कार्य कार्यभार के लिए लिए समान वेतन के सिद्धांतों के तहत 5 घंटे के काम के लिए नियोजित नए कर्मचारियों को कार्यभार के आधार पर वार्षिक वेतन वृद्धि और टीआरसीए जैसे टीआरसीए देने में सभी भेदभाव समाप्त करने, जीडीएस और नियमित कर्मचारियों के लिए वार्षिक वेतन वृद्धि निकालने में एकरूपता सुनिश्चित करने की मांग की जा रही है।
वहीं व्यावसायिक लक्ष्यों के रुप में जीडीएस द्वारा सामना किए जाने वाले सभी प्रकार के उत्पीडऩ को रोके और उन्हें फेसबुक और इन्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का पालन करने की उनकी इच्छा या क्षमता के विरुद्ध अपने स्वयं के मोबाइल उपकरणों का उपयोग करने के लिए मजबूर करें और अंतिम मांग है कि सेवाओं को बढ़ाने और तेज करने के लिए सभी शाखा कार्यालयों में लैपटॉप, प्रिंटर और ब्रांडबैड नेटवर्क प्रदान किया जाए। फिलहाल तो ग्रामीण डाक कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।