जांच रिपोर्ट में पाया गया डैमेज, कभी भी गिर सकता है प्लांट
प्लांट गिरा तो दो वक्त पानी को तरसेगा शहर

बालाघाट। नगर में करोड़ों के लागत की नल जल योजना के माध्यम से जल आपूर्ति की जा रही है, यह योजना संचालित होने से जर्जर हो चुके 11.25 एमएलटी प्लांट पर ध्यान नही दिया जा रहा है। वर्तमान समय ठंड का सीजन शुरू है, 12 दिन बाद 14 जनवरी मकर संक्रांति से तिल तिल दिन बढ़ने लगेगा और उसके बाद गर्मी का दौर शुरू हो जाएगा।यदि यह प्लांट गिर गया तो नगर में कभी भी भीषण जल संकट गहरा सकता है जिससे नगरवासियो को पानी की एक एक बूंद के लिए भी तरसना पड़ सकता है। यह बात हम नहीं कह रहे हैं बल्कि ये आशंका नगर के बूढ़ी स्थित सबसे बड़े फिल्टर प्लांट के हालात दर्शा रहे हैं। यदि समय रहते जिम्मेदारों ने इस भीषण समस्या पर ध्यान नहीं दिया और यथाशीघ्र समस्या का समाधान नहीं निकाला तो वह दिन दूर नहीं कि जब नगरीय क्षेत्र में रहने वाले लोग पीने के पानी के लिए भी तरस जाएगें। दरअसल कई सालों पहले कभी महज 3 एमएलटी पानी की क्षमता वाले फिल्टर प्लांट से बालाघाट शहर के रहवासियों की प्यास आसानी से बुझ जाती थी, लेकिन वर्तमान समय में इससे अधिक क्षमता वाले तीन फिल्टर प्लांट बन जाने के बाद भी लोगों को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। वहीं अब सबसे अधिक पानी की क्षमता वाला फिल्टर प्लांट पूर्ण रूप से जर्जर हो चुका है और इस गर्मी में कभी भी उसे बंद किया जा सकता है। यदि ऐसा होता है तो लगभग डेढ़ लाख से अधिक की आबादी के बीच पानी के लिए त्राहि-त्राहि मच जाएगी। हालांकि इसके सुधार के लिए स्थानीय प्रशासन प्रयास तो कर रहा है, लेकिन अभी तक किसी प्रकार की पहल शुरु नहीं हो पाई है। सबसे अधिक क्षमता वाले फ़िल्टर प्लांट की यथाशीघ्र मरम्मत नहीं की गई, या इसे डिस्मेंटल नहीं किया गया तो फिर यह फिल्टर प्लांट कभी भी टूट सकता है जिसके चलते कभी भी नगर में भीषण जल संकट गहरा सकता है।
वर्ष 2010 में बनाया गया था बड़ा फिल्टर प्लांट
बुढ़ी में संचालित दूसरे नंबर का फिल्टर प्लांट सबसे बड़ा फिल्टर प्लांट है और इसकी क्षमता 11.25 एमएलटी है। बताया जा रहा है कि 4 करोड़ से अधिक की लागत से बने इस फिल्टर प्लांट का 2010 में लोकार्पण किया गया था, तब से लेकर आज तक इसी प्लांट से नगर में पानी की सप्लाई की जा रही है। वही इस प्लांट से भी पूरे शहर को दो वक्त का पानी उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन लंबे समय से इसका ठीक प्रबंधन ना होने औऱ हर साल बाढ़ की मार झेलकर ये फिल्टर प्लांट जर्जर हो चुका है और जगह-जगह से धसकने लगा है जिसके कभी भी टूटने की आशंका बनी हुई है।
विभाग ने ध्यान नही दिया तो होगी पानी की परेशानी
पूर्ण रूप से जर्जर हो चुके इस फिल्टर प्लांट को सवारने की आवश्यकता है। यदि टूटने से पहले इसे बंद कर दिया गया तो नगर के एक दो या तीन वार्ड नही बल्कि पूरा का पूरा शहर प्यासा हो जाएगा और इसका असर पूरे शहर की पानी सप्लाई पर पड़ेगा।आपको बताए कि यहा फ़िल्टर प्लाट 11. 25 एमएलटी क्षमता का है, जहा एक एमएलटी में दस लाख लीटर पानी होता है। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस फिल्टर प्लांट के बंद होने या टूट जाने से नगर में पानी की किस तरह त्राही त्राही मच सकती है। जिम्मेदारो को चाहिए कि वे इस दिशा में युद्ध स्तर का प्रयास कर जर्जर फिल्टर प्लांट की तत्काल मरम्मत कराकर इस तरह की आशंकाओं पर विराम लगाए।
नपा का अमला तैयार कर चुका है प्राक्कलन
जो जानकारी मिली है उसके अनुसार फिल्टर प्लांट की दयनीय स्थिति की जानकारी फिल्टर प्लांट के स्टाफ ने लंबे समय से नगरपालिका प्रबंधन को दे दी है और नगरपालिका के अमले ने भी मौके पर पहुंचकर वस्तुस्थिति का जायजा लेकर प्राकल्लन भी तैयार कर लिया है कि एक करोड़ से अधिक की राशि से फिल्टर प्लांट का जीर्णाेद्धार का कार्य हो सकेगा लेकिन अभी तक इसके लिए किसी प्रकार की सार्थक पहल नहीं हो सकी है। जानकारी के अनुसार यदि इसकी मरमत अभी करा ली जाती है तो एक करोड़ रु के आसपास प्लाट की अच्छे से मरमत हो सकती है। यदि इसे भविष्य के भरोसे छोड़ दिया गया तो एक करोड़ से अधिक का धन खर्च करना पड़ेगा ।
3 विभागों के निरीक्षण दल ने प्लांट को ठहरा चुका है जर्जर
बूढ़ी स्थित 11.25 एमएलटी क्षमता का फिल्टर प्लांट पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। जिसका निरीक्षण फरवरी 2023 में पीडब्ल्यूडी, पीएचई और नगरपालिका ऐसे तीन विभागों की टेक्निकल टीम द्वारा किया गया था। जिन्होंने इस फिल्टर प्लांट को अपने निरीक्षण में जीर्ण शीर्ण अवस्था में पाया और इस प्लांट के कभी भी गिरने की आशंका जताई थी। जहां उस समय इस टेक्निकल टीम ने नए फिल्टर प्लांट के लिए 9 करोड़ 65 लाख का स्टीमेट बनाकर प्रदेश शासन को भेजा था। वही रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख किया गया था कि यदि इस प्लांट की रिपेयरिंग भी की जाती है तो भी यह प्लांट आगे सर्विस नहीं दे पाएगा ।
नपा ने किया नया टेंडर जारी
बताया जा रहा है कि निरीक्षण के बाद नया फिल्टर प्लांट बनाने के लिए नगरपालिका द्वारा टेंडर जारी किया गया था लेकिन उस टेंडर में किसी भी ठेकेदारों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई और नया फिल्टर प्लांट बनाने के लिए ठेकेदार आगे नहीं आए। जिसके चलते 1 जनवरी 2024 को दूसरा टेंडर निकाला गया है। बताया जा रहा है कि जैसे ही टेंडर खुलता है और ठेकेदार काम करने को राजी हो जाते हैं तो अमृत योजना फेस टू के तहत नया फिल्टर प्लांट बनाने का कार्य शुरू किया जाएगा। मतलब साफ है कि इस फिल्टर प्लांट को बनाने में लंबा समय लगेगा।
कल ही नया टेंडर जारी किया गया है - भारती ठाकुर
चर्चा के दौरान नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती भारती सुरजीत सिंह ठाकुर ने बताया कि बूढ़ी स्थित पुराना फिल्टर प्लांट काफी जर्जर हो चुका है, जिसकी आगे सर्विस ले पाना मुश्किल सा हो रहा है। इसके लिए फरवरी माह में नए फिल्टर प्लांट के लिए प्रदेश शासन को 9 करोड़ 65 लाख का एस्टीमेट बनाकर भेजा गया था, जिसकी स्वीकृति  नगरपालिका को मिल गई है।जल्द ही वहां साढ़े 11 एमएलटी का फिल्टर प्लांट बनाया जाएगा। इसके अलावा उसी राशि में नए प्लांट के साथ-साथ नया इंटकवेल, प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के समीप टंकी और शहर में जहां पाइप लाइन का विस्तारीकरण नहीं हुआ है वहां पाइप लाइन बिछाई जाएगी। उन्होंने आगे बताया कि इस पूरे प्रोजेक्ट को प्रदेश शासन से स्वीकृति मिल गई है, नगर पालिका द्वारा पिछले समय जो टेंडर जारी किया गया था, उसमें ठेकेदारों ने रुचि नहीं दिखाई किसी ने टेंडर नहीं भरा। इसीलिए 1 जनवरी 2024 को नया टेंडर जारी किया गया है।