विकास का वादा कर शहर को विनाश की ओर ले जा रहे नपा अध्यक्ष
कटंगी। 
शहरी क्षेत्र में नगर परिषद की बिना अनुमति आपने भवन या दुकान का निर्माण कराया तो इस पर नपा प्रशासन कार्रवाई करेगा। जिसमें जुर्माने के साथ आपके खिलाफ नपा अधिनियम में सख्त कार्रवाई की जाएगी। नगरवासियों डरिए नहीं यह केवल कागजी बातें है। अगर कागजी ना होती तो अब तक कार्रवाई हो चुकी होती। बात हो रही है नगर परिषद कार्यालय से महज चंद कदम की दूरी पर नाले में निर्मित तीन पक्की दुकानों की जिसका बीते दिनों ही निर्माण किया गया है। नगर परिषद कार्यालय से अनुमति लेकर इन दुकानों का निर्माण किया गया है लेकिन दुकानों के निर्माण के लिए जिन शर्तों के साथ अनुमति प्रदान की गई उन शर्तों का पालन नहीं किया गया और अब नगर परिषद सीएमओ दुकानदारों को नोटिस जारी कर अपनी जिम्मेदारियों से इतिश्री कर पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डालने की कोशिश कर रही है। जबकि अवैध तरीके से निर्मित पक्की दुकानों की शिकायत वार्ड क्रमांक 04 पार्षद कपिल मेश्राम और वार्ड क्रमांक 14 पार्षद श्रीमती मनीषा खेमु कोचर ने बकायदा नपा कार्यालय में की है। उन्होंने शर्तों का उल्लंघन कर दुकानों के निर्माण की शिकायत की है। मगर, पार्षदों की शिकायत के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सीएमओ रवि प्रकाश श्रीवास्तव से जब इस संबंध में चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि दुकानदारों को करीब 1 माह पहले नोटिस जारी किया गया है चुनाव होने की वजह से कार्रवाई नहीं हो पाई अब राजस्व विभाग से सहयोग लेकर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी। इस बीच उन्होंने यह भी झूठ बोला कि उन्होंने एसडीएम को  अतिक्रमण के संबंध में जानकारी दी गई लेकिन जब एसडीएम से दूरभाष पर चर्चा करने के लिए फोन लगाया गया तो इससे पहले ही वह सीएमओ ने स्वयं को झूठ पर पर्दा डालते हुए कहा कि अभी जानकारी दी जानी है।
    दरअसल, शहर में जगह-जगह तेजी से अतिक्रमण पांव पसार रहा है। शहर में होने वाले इस अतिक्रमण को नगर परिषद अध्यक्ष योगेन्द्र उर्फ बड्डु ठाकुर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ावा दे रहे है। शहर में होने वाले अतिक्रमण को देखकर एक कहावत चरितार्थ होती हुई नजर आ रही है कि जब सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का। यहां नगर परिषद अध्यक्ष (नगर के प्रथम नागरिक) वहीं सैंया है जो कोतवाल है और जिनका अतिक्रमणकारियों को संरक्षण प्राप्त है। नपा अध्यक्ष ने तो वैसे शहर में विकास का वादा किया था लेकिन करीब डेढ़ साल के कार्यकाल में वह शहर को केवल विनाश की ओर ले जाते हुए दिखे है। इन डेढ़ वर्षों के कार्यकाल में शहर में एक भी ऐसा नया काम नहीं हुआ है जिससे शहर की जनता को लाभ मिले। बता दें कि जब से योगेन्द्र ठाकुर नपा अध्यक्ष बने है वह भी पार्टी के बड़े नेताओं की तरह चुनावी मोड में रहते है। नपा चुनाव जीतने के बाद वह शहर के हालात पर चिंता करने की बजाए गांव-गांव में अपनी पार्टी के नेताओं के साथ चुनावी सभाओं में मशगूल रहे। अगर इन बातों में सच्चाई नहीं तो अध्यक्ष अपने अब तक के कार्यकाल में किए गए कार्यों को गिना कर जनता से वाहवाही लूट सकते है।
      गौरतलब हो कि नगर परिषद कार्यालय से चंद कदम की दूरी पर शर्तों का उल्लघंन कर जिन दुकानों का निर्माण किया गया है उन सभी दुकानों को करीब 03 साल पहले तत्कालीन एसडीएम रोहित बम्होरे ने लीज निरस्त कर तुड़वाया था। दरअसल, यह सभी दुकानें नाले के ऊपर बनी हुई थी किन्तु नगर परिषद सीएमओ ने 04 कंडिका की शर्तों के साथ दुकानों के निर्माण की अनुमति प्रदान की। इसमें शर्त यह थी कि आंवटित भूमि के अतिरिक्त अतिक्रमण ना हो। भूखंड में पक्का निर्माण ना किया जाए। भूखंड क्रमांक 88 भूमि मरम्मत कार्य किया जाए। मरम्मत कार्य करवाने से पहले भूमि का कार्यालय से नक्शा लिया जाए। इनमें कंडिका नंबर 02 में पक्का निर्माण ना किया जाए यह साफ लिखा गया है परंतु दुकानदारों ने पक्का निर्माण किया है और नगर परिषद ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। जन चर्चा है कि सीएमओ  ने दुकानों के निर्माण के लिए अनुमति प्रदान करने के लिए मोटी रकम दुकानदारों से ली है हालांकि इस तरह की चर्चाएं होना आम बात है मगर, इन चर्चाओं को तब बल मिलता है जब अधिकारी अपनी आंखों के सामने अतिक्रमण पर कोई कार्रवाई ना करें और शिकायत को रद्दी की टोकरी में डाल दें।
इनका कहना है
जिन दुकानदारों ने शर्तों का उल्लंघन कर दुकानों का निर्माण किया गया है उन्हें नोटिस जारी किया गया है। अब राजस्व विभाग से सहयोग लेकर अतिक्रमण तोडऩे की कार्रवाई की जाए।
                                             रवि प्रकाश श्रीवास्तव
                                          मुख्य नगरपालिका अधिकारी