बालाघाट। जनपद पंचायत बैहर के ग्राम पंचायत सिजोरा में डेढ़ साल से नलजल योजना बंद है। ऐसे में ग्रामीणों को एक हैंडपंप के भरोसे पानी भरना पड़ रहा है। जिसकी शिकायत ग्रामीणों के अलावा सरपंच द्वारा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में करने के साथ ही सीएम हेल्पलाइन में की गई। बावजूद इसके गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। इससे पानी भरने के दौरान कई सारे कामकाज प्रभावित हो रहे है। इस गांव में 120 मकान है और इतने मकानों पर मात्र एक ही हैंडपंप रहने की वजह से लोगों को अलसुबह से दिनभर पानी भरना पड़ता है।
ग्रामीण बुधराम मरकाम, श्यामा मेरावी, जयमल सिंह पुसाम ने बताया कि उनके गांव में 120 से अधिक मकान है। इतने मकानों के लिए एक ही हैंडपंप खनन किया गया है। पंचायत में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के द्वारा नलजल योजना चालू की गई है, लेकिन डेढ़ साल का समय होने जा रहा है चालू नहीं हो सकी है, इसके कारण लोगों को पानी के लिए परेशान होना पड़ता है। एक ही हैंडपंप में पानी भरने के कारण लोगों को चार से पांच घंटे का समय अपनी बारी में लग जाता है। बताया गया है कि पिछले कई सालों से गांव में पानी की समस्या बनी हुई है इसलिए ग्रामीणों की मांग पर नलजल योजना स्वीकृत करवाई गई। इसके बाद अधिकांश जगह पाइपलाइन बिछा दिए है और नल कनेक्शन भी करवा दिया गया है, पर नलजल योजना से पानी नहीं दिया जा रहा है।
चार बोर कराए जा चुके है खनन
सरपंच सुनेर सिंह पुसाम ने बताया कि नलजल योजना के लिए अभी तक गांव में अलग-अलग करीब चार बोर खनन करवा दिए गए है। साथ ही पानी की टंकी भी खड़ी हाे गई और पाइपलाइन बिछाने का कार्य कर दिया गया। इसके बाद भी नलजल योजना को चालू नहीं करवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह क्षेत्र कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से लगा हुआ है। घनघोर जंगल वाला क्षेत्र रहने से ठंड अधिक रहती है। ऐसे में लोगाें को सुबह ठंड में पानी के लिए हैंडपंप के पास घंटों अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है। इस समस्या को लेकर उनके द्वारा अनेक बार विधायक से लेकर संबंधित विभाग के अलावा सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की जा चुकी है उसके बाद भी कोई हल नहीं निकल पा रहा है।
इनका कहना है
गांव में पानी की समस्या को लेकर अनेक जगह शिकायत कर चुके है। इसके बाद भी नलजल चालू नहीं हो पाई है।जिसके कारण एक ही हैंडपंप से गांव के लोगों को कई देर तक पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
सुनेर सिंह पुसाम, सरपंच, ग्राम पंचायत सिजोरा