440 वोल्ट की लाइन टूटकर गिरने से भाई-बहन समेत तीन की मौत के पीछे ऊर्जा निगम की घोर लापरवाही सामने आई है। बिजली का ये तार कई जगह से टूटा था। इसे जैसे-तैसे जोड़कर काम चलाया जा रहा था। अगर इस तार को पहले ही सही करा लिया गया होता, तो सोमवार को तीन लोगों की जान नहीं जाती। हैदराबाद क्षेत्र में हेमपुर गांव के पास सीतापुर ब्रांच नहर की पटरी रोड पर शाम साढ़े चार बजे हुए हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया है।440 वोल्ट का तार गिरने से पीलीभीत जिले के सेहरामऊ उत्तरी, बहादुरपुर गांव निवासी बबलू (21), बहन मंजू (28), और मंजू के बेटे अनमोल (4) की जान चली गई। घटनास्थल पर दो-दो खंभो के बीच में करीब 300 मीटर की दूरी है। जो तार इंसुलेटर से उतरकर रोड पर गिरा है, वह कई जगह से टूटा हुआ था। इसे तार लपेटकर जोड़ा गया था। ऊर्जा निगम की इसी लापरवाह रवैये की वजह से यह हादसा हुआ है।
ऊर्जा निगम के अफसरों की लापरवाही हादसे के बाद भी जारी रही। जिला प्रशासन के अफसर ऊर्जा निगम के अफसरों को घटना की सूचना देते रहे, लेकिन किसी पर कोई असर नहीं हुआ। घटना के दो घंटे के बाद अधिशासी अभियंता राज नारायण सिंह मौके पर पहुंचे। अफसरों के इस रवैये से जिलाधिकारी का पारा चढ़ गया और उन्होंने अधिशासी अभियंता की फटकार लगाई। अधीक्षण अभियंता अशोक सुंदरम ने कुछ भी स्पष्ट रूप से बताने से बचते रहे। भीषण हादसे के बाद भी हाईटेंशन लाइन के तारों में करंट दौड़ता रहा। पुलिस और फायर ब्रिगेड इंचार्ज सुरेंद्र सिंह शिंदे मौके पर पहुंचे। बाइक सुलग रही थी। आपूर्ति बंद कराने के बाद शवों और जली बाइक को मौके से हटाया गया।