आजाद हिंदुस्तान में दुनिया के सातवें अजूबे और मुहब्बत की निशानी ताजमहल के दीदार के लिए ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ-2 अपने पति प्रिंस फिलिप के साथ 61 साल पहले आई थीं। 30 जनवरी, 1961 को वह खुली कार में खेरिया एयरपोर्ट से ताजमहल तक पहुंची थीं। एयरपोर्ट से सर्किट हाउस के बीच सड़क के दोनों ओर आगरा के हजारों लोग उनके और प्रिंस फिलिप के अभिवादन के लिए खड़े हुए थे। उन्होंने हाथ हिलाकर लोगों का इस्तकबाल किया था। यह पहला मौका था जब ब्रिटेन की महारानी खुली कार में नजर आई थीं।आसमानी ड्रेस के साथ सफेद रंग के डिजाइनर हैट और ग्लव्स पहने महारानी एलिजाबेथ पश्चिमी गेट से ताजमहल तक खुली कार में आईं। रॉयल गेट से ताज के मुख्य गुंबद तक वह प्रिंस फिलिप के साथ रहीं। यह पहला मौका था जब शाही परिवार ने ताजमहल का दीदार किया था।मुख्य गुंबद पर जाने से पहले उन्होंने शू कवर पहने। जिस कर्मचारी ने महारानी को शू कवर पहनाए थे, उन्होंने उसे बख्शीश भी दी। सरकारी कर्मचारी ने पहले इनकार किया लेकिन महारानी के कहने पर उन्होंने उसे रख लिया।