लोकसभा चुनाव के बीच विरासत कर (संपत्ति के बंटवारा) को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। पीएम मोदी लगातार अपने चुनावी रैलियों में विरासत कर का जिक्र करते हुए कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना साध रहे हैं।भाजपा का आरोप है कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो देशवासियों की आधी संपत्ति पर सरकार कब्जा कर लेगी। बता दें कि कांग्रेस के घोषणापत्र में राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक और जातिगत सर्वे करवाने की बात कही गई। कांग्रेस ने कहा कि इस सर्वे से मिली जानकारियों के आधार पर कदम उठाए जाएंगे।इसी बीच अर्थशास्त्री गौतम सेन ने कहा कि संपत्ति का बंटवारे की योजना भारत में काम नहीं करने वाली। उन्होंने कहा कि केवल लगभग 12 करोड़ लोगों के पास 102 करोड़ से अधिक की संपत्ति है। लेकिन इनमें से लगभग सभी ने अपने व्यवसायों में निवेश किया है। वहीं, संपत्ति के बंटवारे की वजह से देश के 98 से लेकर 99 प्रतिशत लोगों की जिंदगी पर बुरा असर पड़ेगा।गौतम सेन ने आगे कहा,"देश में जो लोग दुकान चलाते हैं छोटे व्यापार करते हैं अगर उनकी संपत्ति का बंटवारा होता है तो देश की अर्थव्यवस्था रुक जाएगी। देश की संपत्ति का बंटवारा करने के लिए आपको हर दो साल में सर्वेक्षण करना होगा। पिछले 10 वर्षों में असल मायने में संपत्ति का बंटवारा देखा जा सकता है, जहां देश में सड़कों का निर्माण हुआ, लोगों के घर बनाए गए, शौचालय बनाए गए। हेल्थ सेक्टर पर पैसे खर्च किए गए। गैस सब्सिडी दिए गए।उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार के लिए गए ज्यादातर फैसले गरीबों की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए लिए गए। देश में 25 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी रेखा से ऊपर लाए गए।