गाजियाबाद । गाजियाबाद के गोविंदपुरम स्थित शताब्दीपुरम के एक घर में गुरुवार शाम सिलेंडर में आग लगने से दो बच्चियों की मौत हो गई। हादसे के वक्त दोनों घर के अंदर सौ रही थी। हादसे के बाद परिवार के लोग बाहर आए गए, लेकिन आग बढ़ने के कारण वह अंदर रह गईं। दूसरी तरफ लोगों का आरोप है कि हादसे के करीब एक घंटे के बाद दमकल की गाड़ी पहुंची। जिससे उनकी स्थानीय लोगों के साथ नौंकझौंक भी हुई। जब तक बूझी जबतक बच्चियों की मौत हो गई थी। मिली जानकारी के अनुसार, मूल रूप से मध्य प्रदेश के सागर जिले का रहने वाला बृजेश अपने परिवार के साथ शताब्दीपुरम में किराए के मकान में लंबे समय से रह रहा था। वह मजदूरी करता है, उसके साथ उसकी पत्नी ममता व उसकी छह बच्चियां व साढू पुष्पेंद्र व साली रचना अपने दो बच्चों के साथ रहते हैं। शाम के समय ममता व रचना गैस पर खाना बनाने के लिए गईं। इसी दौरान गैस लीकेज थी, अचानक आग लग गई। आग लगते ही सिलेंडर कमरे में घूमने लगा। आनन-फानन में पुष्पेंद्र, रचना और ममता ने बच्चों को कमरे से बाहर निकालने का काम किया। इसी दौरान आग कमरे में कमरे में फैली आग की चपेट में बृजेश की बच्ची रूबी (4वर्ष) और रानी (5 वर्ष) आ गईं। उन्हें जब तक अस्पताल ले जाया गाय तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में ले लिए हैं। शुरुआती जांच में छोटे गैस सिलेंडर से गैस लीकेज होने के बाद आग लगने को हादसे का मुख्य कारण माना जा रहा है। हादसे की जानकारी मिलते ही कविनगर सर्किल के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। मुख्य अग्निशमन अधिकारी सुनील कुमार ने बताया है कि जिस कमरे में हादसा हुआ है वह 8 बाई 8 का है। छोटे गैस सिलेंडर से गैस लीकेज हो रही थी। जैसे ही ममता और रचना खाना बनाने के लिए गैस खोलने गईं, गैस में आग फैल गई। ममता व बृजेश अपनी छह बच्चियों व रचना और पुष्पेंद्र अपनी दो बच्चियों के साथ यहां लंबे समय से रह रहे थे। आग इतनी तेजी से फैली कि किसी को कुछ समझने व संभलने का मौका नहीं मिला।