गाजियाबाद | आरोपी सचिन मलिक ने पुलिस को बताया कि छह सितंबर को हुई परीक्षा में जो उत्तरमाला रूपक ने बाथरूम में रखी थी, वह गलत थी।पकड़े जाने के डर से उसने उत्तरमाला अभ्यर्थी को नहीं दी।रूपक इस काम को करने के उसे पचास हजार रुपये देता था।स्पेशल टास्क फोर्स ने सॉल्वर गैंग के छह शातिर सदस्यों को गिरफ्तार कर रेलवे की ग्रुप डी परीक्षा में बड़ी सेंधमारी का पर्दाफाश किया है।यह गिरोह पांच से दस लाख रुपये में परीक्षार्थियों को प्रश्न पत्र की उत्तरमाला मुहैया कराने से लेकर नकल कराने तक का ठेका लेता है।ऑनलाइन परीक्षा करा रही कंपनी टीसीएस का अधिकारी भी गिरोह में शामिल है।एसटीएफ ने इन शातिरों को जाल बिछाकर परीक्षा केंद्र बनाए गए मुरादनगर स्थित आरडी इंजीनियरिंग और बीबीडीआईटी कॉलेज से गिरफ्तार किया है।एसटीएफ फील्ड यूनिट मेरठ के अपर पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि मंगलवार को सॉल्वर गैंग के बागपत के छपरौली कुर्डी निवासी आशीष कुमार,मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना निवासी प्रदीप पंवार,गाजियाबाद के मोदीनगर निवासी सचिन मलिक, मुरादनगर के विपिन, रूपक उर्फ रेवती शरण और नेत्रपाल को गिरफ्तार किया है।