मथुरा । उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में होली के बाद हुरंगा होता है। बलदेव की छवि-छटा देवलोक सी दिखाई दे रही है। हुरंगा की मस्ती में आज बलदाऊ जी का धाम डूब हुआ है। भगवान श्रीकृष्ण-बलदेव के स्वरूपों ने जैसे ही होली खेलने की आज्ञा दी, आसमान से फूलों के संग-संग अबीर गुलाल की बरसा होने लगी। मंदिर के ऊपर सतरंगी घटा छा हुई है।

भंग की तरंग में झूम हुरियारे झूम रहे हैं और हुरियारिनें उनके ऊपर टेसू के रंग बरसा रही है। हुरियारिनों ने हुरियारों के कपड़े फाड़कर कोड़ा बना लिए और उनके ताबड़तोड़ हुरियारों को मार रही है।टेसू के रंगों से मंदिर का आंगन लबालब है। कोड़ामार होली से बलदेव का वातावरण हुरंगामय हो गया। मंदिर में मौजूद श्रद्धालु गा रहे हैं, 'ब्रज में होली खेल रहौ, दाऊदयाल बड़े भागन ते हुरंगा आयौ, बरसाओ री रंग बरसाऔ, रसियाओं पर श्रद्धालु नृत्य कर रहे हैं।