बालाघाट। ऑनलाइन फ्रॉड के मामले लगातार सामने आते जा रहे हैं, साइबर एजेंसी द्वारा ऑनलाइन फ्रॉड को रोकने लगातार काम किया जा रहा है लेकिन ऑनलाइन फ्रॉड के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। आम आदमी इस ऑनलाइन फ्रॉड की गिरफ्त में तो आते ही है लेकिन यह ऑनलाइन फ्रॉड ने इतना अधिक विकराल रूप ले लिया है कि इसमें पढ़े लिखे शिक्षित लोग एवं पुलिस वाले भी इस ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार हो रहे हैं। ऐसा ही एक मामला हाल ही में सामने आया है जिसमें एक हाकफोर्स जवान ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार हुआ और उसके खाते से 2 लाख 12 हजार 550 रुपये निकाल लिए गए। यह ऑनलाइन फ्रॉड का मामला वारासिवनी थाना अंतर्गत ग्राम गर्रा निवासी हाकफोर्स जवान भूपेंद्र कुमार बिसेन के साथ घटित हुआ है, इस मामले में पुलिस के द्वारा अपराध कायम कर मामले की जांच किया जा रहा है। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार हाकफोर्स जवान भूपेंद्र कुमार पिता परसराम बिसेन निवासी गर्रा जो कि वर्तमान में हाकफोर्स कनकी बालाघाट में पदस्थ है ने पुलिस थाने में जाकर ऑनलाइन फ्रॉड एसबीआई एवं उसके यूनियन बैंक के खाते से पैसे निकाल कर धोखाधड़ी करने की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार भूपेंद्र कुमार के बैंक खाते रांझी जबलपुर के है जिसमें उनका मोबाइल नंबर उनके दोनों बैंक खातों से लिंक है। पिछले 26 मार्च 2023 को उनकी मोबाइल सिम आउट ऑफ सस्पेंड कर दिया गया एवं सिम को कस्टमर केयर से संपर्क करने के लिए कहा गया था। कस्टमर केयर पर कॉल लगाने के लिए कहने पर जब कस्टमर केयर से बात की गई तो सिम चालू कर दी गई लेकिन कुछ देर बाद ही दोबारा सिम बंद कर दिया गया। बाद में फिर एक व्यक्ति का कॉल आया जिसके द्वारा जानकारी मांगते हुए कहां गया आपने जिओ की सिम पोर्ट कराई है इसलिए वेरिफकेशन करना पड़ेगा और सिम की केवाईसी अपडेट कराने की बात कही गई, साथ ही लिंक में जाकर टच करने के लिए भी कहा गया, व लिंक को खोलने पर 10 रुपये का रिचार्ज करने के लिए भी कहा गया। जैसे ही भूपेंद्र कुमार द्वारा फोन के माध्यम से रिचार्ज किया गया उनकी सिम चालू हो गई लेकिन 29 मार्च 2023 को वह सिम बंद कर दी गई। बाद में जब भूपेंद्र कुमार द्वारा अपने अकाउंट खातों को चेक किया गया तो उसे पता चला उसके बैंक खाते से 2 लाख 12 हजार 550 रुपये निकाल लिए गए हैं जिसके बाद भूपेंद्र कुमार द्वारा अपने दोनों बैंकों के खातों को लॉक करा दिया गया। हाकफोर्स जवान भूपेंद्र कुमार द्वारा की गई शिकायत के आधार पर पुलिस द्वारा मोबाइल नंबर 8453 284017 के धारक के खिलाफ  भारतीय दंड विधान की धारा 419, 420 सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनियम 2008 की धारा 43, 66, 66 बी के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जांच में लिया गया है।
क्यों नहीं रुक पा रहे ऑनलाइन फ्रॉड
आपको पताये कि यह ऑनलाइन फ्रॉड होना कोई छोटी बात नहीं है लोगों की मेहनत की कमाई आसानी से निकाल लिया जाता है। पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने पर काफी महीनों के बाद कुछ लोगों की राशि सायबर पुलिस के माध्यम से दिलवा दी जाती है लेकिन फ्रॉड करने वाले पुलिस की गिरफ्त में नहीं आते। शायद यही कारण है कि ऑनलाइन फ्रॉड के मामले रुक नहीं पा रहे हैं। यदि ऑनलाइन फ्रॉड करने वालों को तकनीकी ज्ञान है तो पुलिस एवं प्रशासन के अमले में भी ऐसे उनसे अधिक तकनीकी ज्ञान रखने वालों को पदस्थ किया जाना चाहिए ताकि वे लोग ऑनलाइन फ्रॉड करने वालों को तत्काल गिरफ्त में ले और उनके विरुद्ध ऐसी कार्यवाही की जाए ताकि दूसरे लोग भी ऑनलाइन फ्रॉड करने की सोच ना सके।