केंद्र सरकार की देनदारियां वित्त वर्ष 2022-23 की दिसंबर तिमाही में 150.95 लाख करोड़ रुपये हो गई है, जो कि सितंबर तिमाही में 147.19 लाख करोड़ रुपये थी। ये जानकारी पब्लिक डेट मैनेजमेंट रिपोर्ट में सामने आई।

इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अक्टूबर-दिसंबर तिमाही 2022-23 में देनदारियों में 2.6 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। साथ ही दिसंबर 2022 में कुल देनदारियां सरकार के पब्लिक अकाउंट को शामिल करने के बाद बढ़कर 1,50,95,970.8 रुपये हो गई है। यह सितंबर में 1,47,19,572.2 करोड़ रुपये थी।

3.50 लाख करोड़ रुपये लिए उधार

वित्त वर्ष 2022-23 की दिसंबर तिमाही में सरकार की ओर से 3.51 लाख करोड़ रुपये सिक्योरिटीज के जारिए उधार लिए गए हैं, जबकि इस दैरान नोटिफाइड राशि 3.18 लाख करोड़ रुपये थी। वहीं, इस तिमाही के दौरान रिडेम्पशन के लिए देय 85,377.9 करोड़ रुपये की राशि परिपक्वता तिथि पर चुका दी गई थी।वित्त वर्ष 2022-23 की दिसंबर तिमाही में सरकार ने कैश मैनेजमेंट बिल के तहत कोई भी राशि उधार नहीं ली है।

वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में प्राथमिक निर्गमों की वेटेड एवरेज 7.38 प्रतिशत हो गई है, जो कि वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में 7.33 प्रतिशत थी। वहीं, चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में नई जारी की गई सिक्योरिटीज का औसत वेटेड एवरेज 16.56 साल है, जो कि दूसरी तिमाही में 15.62 साल था।

10 साल के बॉन्ड की ब्याज में आई मामूली कमी

रिपोर्ट में बताया गया कि 10 साल के बेंचमार्क वाले बॉन्ड की ब्याज दर 30 दिसंबर, 2022 को गिरकर 7.33 प्रतिशत पर पहुंच गई है,जो कि 30 सितंबर,2022 को 7.40 प्रतिशत थी।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सीमांत स्थायी सुविधा और विशेष तरलता सुविधा सहित तरलता समायोजन सुविधा (LAF) के तहत आरबीआई द्वारा शुद्ध दैनिक औसत तरलता अवशोषण तिमाही के दौरान 39,604 करोड़ रुपये था।